This is definitely one movie that I can watch again and again. According to the name of the film...it means The Best GoodBye ever in Russian language.
In the end of the movie....Amar Kaul after dying...does bid the best farewell to life. It gets a little sad towards the end but......One feels proud that somebody thought of leaving the world in such a vibrant way.
We get caught up in our daily rat races...so very much...that we forget ..or rather I say we become completely oblivious about our surroundings. It is like....a few days back when I was in Bombay...somebody robbed my wallet from my purse with a decent amount of money in it. I thought I could have spent some money on my self ...which in return would not make me feel so bad seeing my empty purse...My point is...only when something bad happens to us...we think that we deserve good things in life...things that will bring us happiness..without any monetary advantage or benefit. That is shown so beautifully in this film.
I had already seen it twice...as on today thrice...Last I watched it with my Maa.......usually...parents don't do things to please themsleves....they keep on giving endlessly. For parents like these.....there is a silent message in DasVidaniya.
"Maa...MerI maa"...is a beautiful song..with lovely wordings.
One of my best scene... is when Amar Kaul deletes his work file in front of his MOTU Boss.
Above all the ending ...scene where Amar Kaul manages to come on the front page of the newspaper...How??......See it for yourself.....
Some quotes from the movie~~~
"Mirchi mein kab sabzi ka tadka lagaa jaati hai pata hi nahi chalta hai!! "
When Amar reaches...Rajiv's house In Russia..he is so intimidated by the sophistication in house ...Rajiv being a doctor..and that too a RICH one...Amar says..
"Lagta hai yahan log beemaar bahut padte hain!!"
DasVidaniya.
PooJa
We created this blog so that we can share the information we gather, in our day-2-day lives. Be it the Books which we read or Music we listen to or Movies which we watch. Anything and Everything under the Sun.
Friday, July 31, 2009
Friday, July 17, 2009
Kaminey
Kaminey by Vishal Bhradwaz
Music by Vishal Bharadwaz
Lyrics by Gulzaar
Pehli Baar Mohabbat - Mohit Chauhan
थोड़े भीगे-भीगे से थोड़े नम हैं हम,
कल से सोये-वोए भी तो कम हैं हम,
थोड़े भीगे-भीगे थोड़े नम हैं हम,
कल से सोये-वोए भी तो कम हैं हम,
दिल ने कैसी हरक़त की है
पेहली बार मोहब्बत की है,
आखिरी बार मोहब्बत की है,
पेहली बार मोहब्बत की है,
आखिरी बार मोहब्बत की है,
आँखें डूबी-डूबी सुरमई मद्धम ,
झीलें पानी-पानी, बस तुम और हम,
बात बढ़ी हैरत की है,
पेहली बार मोहब्बत की है,
आखिरी बार मोहब्बत की है,
पेहली बार मोहब्बत की है,
आखिरी बार मोहब्बत की है,
ख्वाब के बोझ से कपकपाती हुए
हलकी पलकें तेरी याद आता है सब
तुझे गुदगुदाना , सताना, यूँ ही सोते हुए,
गाल पे टीपना मीचना बेवजह बेसबब.....
याद है.... पीपल के जिसके घने... साए थे....
हमने गिल्हरी के झूठे मटर खाए थे
ये बरक़त उन हज़रत की है
पेहली बार..... मोहब्बत की है,
आखिरी बार.... मोहब्बत की है,
पेहली बार...... मोहब्बत की है,
आखिरी बार.... मोहब्बत की है,
पेहली बार........ मोहब्बत की..... है,
------------------------------------------------------------------------------
Meri Aarjoo Kaminey - Vishal Bharadwaj
क्या करें .. जिंदगी.. इसको हम जो मिले.....
इसकी जान खा गए ....रात दिन के गिले .....
क्या करें .. जिंदगी.. इसको हम जो मिले.....
इसकी जान खा गए ....रात दिन के गिले .....रात दिन गिले
मेरी आरजू ............. कमीने
मेरे ख्वाब भी ...........कमीने
एक दिल से दोस्ती थी...... ये हुज़ूर भी कमीने
क्या करें .. जिंदगी.. इसको हम जो मिले.....
इसकी जान खा गए ....रात दिन के गिले .....
कभी जिंदगी से माँगा , पिंजरे में चाँद ला दो
कभी लालटेन दे के... कहा आसमां पे टांगो
कभी जिंदगी से माँगा , पिंजरे में चाँद ला दो
कभी लालटेन दे के... कहा आसमां पे टांगो
जीने के सब करीने ..हैं हमेशा से कमीने..
कमीने.... कमीने.....कमीने....कमीने..
मेरी दास्ताँ .....कमीने...
मेरे रास्ते ....... कमीने..
एक दिल से दोस्ती थी...... ये हुज़ूर भी कमीने
जिसका भी चेहरा छीला... अन्दर से और निकला ...
मासूम सा कब्बूतर ... नाचा तो मोर निकला...
जिसका भी चेहरा छीला... अन्दर से और निकला ...
मासूम सा कब्बूतर ... नाचा तो मोर निकला...
कभी हम कमीने.. ..कभी दूसरे कमीने
कमीने.... कमीने.....कमीने ....कमीने..
मेरी दोस्ती ........कमीने..
मेरी यार भी .........कमीने..
एक दिल से दोस्ती थी...... ये हुज़ूर भी कमीने
-----------------------------------------
Fatak - Sukhwinder, Kailash Kher
भंवरा भंवरा आया रे, भंवरा भंवरा आया रे
भंवरा भंवरा आया रे, भंवरा भंवरा आया रे
गुन गुन करता आया रे,
सुन सुन करता गलियों से.... रे अब तक कोई न भाया रे
सौदा करे सहेली का सर पे तेल चमेली का
सौदा करे सहेली का सर पे तेल चमेली का
की कान में इत्र लगाया (needs correction),
भंवरा भंवरा आ या रे , गुन गुन करता आया रे
सुन सुन करता गलियों से.... रे अब तक कोई ना भाया रे
गिनती न करना इसकी यारों में ....
आवारा घूमे गलियारों में
गिनती न करना इसकी यारों में
ये चिपकू हमेशा सताएगा
ये जायेगा फिर लौट आएगा
खून के मेले कतरे हैं
की जान के सारे ख़तरे हैं
की आया ....की आया ..
की रात का जाया....की आया . ..की आया...
की आया रात का जाया
जितना भी झूठ बोले थोरा है
कीडों की बस्ती का मकोरा है.
जितना भी झूठ बोले थोरा है
कीडों की बस्ती का मकोरा है.
ये रातों का बिच्छू है
ये जेहरीला है, ये जहर चाटेगा
दरवाजों में कुंडे दो
दफ़ा करो ये गुंडे
ये शैतान का साया रे ....
भंवरा भंवरा आ या रे फअटक , गुन गुन करता आया रे
सुन सुन करता गलियों से.... रे अब तक कोई ना भाया रे
ये इश्क नहीं आसां , अजी AIDS का खतरा है ,
.......पतवार पहन जाना है ....ये आग का दरिया है
की नैया डूबे न.. .रे भंवरा काटे ना. ..
की नैया डूबे न.. .रे भंवरा काटे ना. ..
की नैया डूबे न.. .रे भंवरा काटे ना. ..
की नैया डूबे ना.
की नैया डूबे ना.
to be contd...................
--Mishra
Music by Vishal Bharadwaz
Lyrics by Gulzaar
Pehli Baar Mohabbat - Mohit Chauhan
थोड़े भीगे-भीगे से थोड़े नम हैं हम,
कल से सोये-वोए भी तो कम हैं हम,
थोड़े भीगे-भीगे थोड़े नम हैं हम,
कल से सोये-वोए भी तो कम हैं हम,
दिल ने कैसी हरक़त की है
पेहली बार मोहब्बत की है,
आखिरी बार मोहब्बत की है,
पेहली बार मोहब्बत की है,
आखिरी बार मोहब्बत की है,
आँखें डूबी-डूबी सुरमई मद्धम ,
झीलें पानी-पानी, बस तुम और हम,
बात बढ़ी हैरत की है,
पेहली बार मोहब्बत की है,
आखिरी बार मोहब्बत की है,
पेहली बार मोहब्बत की है,
आखिरी बार मोहब्बत की है,
ख्वाब के बोझ से कपकपाती हुए
हलकी पलकें तेरी याद आता है सब
तुझे गुदगुदाना , सताना, यूँ ही सोते हुए,
गाल पे टीपना मीचना बेवजह बेसबब.....
याद है.... पीपल के जिसके घने... साए थे....
हमने गिल्हरी के झूठे मटर खाए थे
ये बरक़त उन हज़रत की है
पेहली बार..... मोहब्बत की है,
आखिरी बार.... मोहब्बत की है,
पेहली बार...... मोहब्बत की है,
आखिरी बार.... मोहब्बत की है,
पेहली बार........ मोहब्बत की..... है,
------------------------------------------------------------------------------
Meri Aarjoo Kaminey - Vishal Bharadwaj
क्या करें .. जिंदगी.. इसको हम जो मिले.....
इसकी जान खा गए ....रात दिन के गिले .....
क्या करें .. जिंदगी.. इसको हम जो मिले.....
इसकी जान खा गए ....रात दिन के गिले .....रात दिन गिले
मेरी आरजू ............. कमीने
मेरे ख्वाब भी ...........कमीने
एक दिल से दोस्ती थी...... ये हुज़ूर भी कमीने
क्या करें .. जिंदगी.. इसको हम जो मिले.....
इसकी जान खा गए ....रात दिन के गिले .....
कभी जिंदगी से माँगा , पिंजरे में चाँद ला दो
कभी लालटेन दे के... कहा आसमां पे टांगो
कभी जिंदगी से माँगा , पिंजरे में चाँद ला दो
कभी लालटेन दे के... कहा आसमां पे टांगो
जीने के सब करीने ..हैं हमेशा से कमीने..
कमीने.... कमीने.....कमीने....कमीने..
मेरी दास्ताँ .....कमीने...
मेरे रास्ते ....... कमीने..
एक दिल से दोस्ती थी...... ये हुज़ूर भी कमीने
जिसका भी चेहरा छीला... अन्दर से और निकला ...
मासूम सा कब्बूतर ... नाचा तो मोर निकला...
जिसका भी चेहरा छीला... अन्दर से और निकला ...
मासूम सा कब्बूतर ... नाचा तो मोर निकला...
कभी हम कमीने.. ..कभी दूसरे कमीने
कमीने.... कमीने.....कमीने ....कमीने..
मेरी दोस्ती ........कमीने..
मेरी यार भी .........कमीने..
एक दिल से दोस्ती थी...... ये हुज़ूर भी कमीने
-----------------------------------------
Fatak - Sukhwinder, Kailash Kher
भंवरा भंवरा आया रे, भंवरा भंवरा आया रे
भंवरा भंवरा आया रे, भंवरा भंवरा आया रे
गुन गुन करता आया रे,
सुन सुन करता गलियों से.... रे अब तक कोई न भाया रे
सौदा करे सहेली का सर पे तेल चमेली का
सौदा करे सहेली का सर पे तेल चमेली का
की कान में इत्र लगाया (needs correction),
भंवरा भंवरा आ या रे , गुन गुन करता आया रे
सुन सुन करता गलियों से.... रे अब तक कोई ना भाया रे
गिनती न करना इसकी यारों में ....
आवारा घूमे गलियारों में
गिनती न करना इसकी यारों में
ये चिपकू हमेशा सताएगा
ये जायेगा फिर लौट आएगा
खून के मेले कतरे हैं
की जान के सारे ख़तरे हैं
की आया ....की आया ..
की रात का जाया....की आया . ..की आया...
की आया रात का जाया
जितना भी झूठ बोले थोरा है
कीडों की बस्ती का मकोरा है.
जितना भी झूठ बोले थोरा है
कीडों की बस्ती का मकोरा है.
ये रातों का बिच्छू है
ये जेहरीला है, ये जहर चाटेगा
दरवाजों में कुंडे दो
दफ़ा करो ये गुंडे
ये शैतान का साया रे ....
भंवरा भंवरा आ या रे फअटक , गुन गुन करता आया रे
सुन सुन करता गलियों से.... रे अब तक कोई ना भाया रे
ये इश्क नहीं आसां , अजी AIDS का खतरा है ,
.......पतवार पहन जाना है ....ये आग का दरिया है
की नैया डूबे न.. .रे भंवरा काटे ना. ..
की नैया डूबे न.. .रे भंवरा काटे ना. ..
की नैया डूबे न.. .रे भंवरा काटे ना. ..
की नैया डूबे ना.
की नैया डूबे ना.
to be contd...................
--Mishra
Subscribe to:
Posts (Atom)